
घरघोड़ा। भीम आर्मी भारत एकता मिशन छत्तीसगढ़ के बैनर तले शुक्रवार को घरघोड़ा में ऐतिहासिक आंदोलन देखा गया। सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय का घेराव कर घंटों तालाबंदी की और न्याय की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी की।
इस आंदोलन में रायगढ़, जशपुर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा सहित आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए। उन्होंने “जय भीम – जय संविधान” और “समानता हमारा अधिकार है” जैसे नारे लगाए।
आंदोलन की मुख्य वजह
अंदोलन का मुख्य मुद्दा भरत खंडेल प्रकरण था, जिसमें अनुसूचित जाति के एक परिवार के पचास वर्षों से बसे घर को प्रशासनिक लापरवाही और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के चलते ध्वस्त कर दिया गया। परिवार अब तक न तो पुनर्वास पा सका और न ही मुआवजा या न्याय की सुनवाई हुई।
भीम आर्मी ने इस अन्याय के विरोध में 10 अक्टूबर को SDM कार्यालय में महा आंदोलन और तालाबंदी का आयोजन किया, जो प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना।
प्रदेश पदाधिकारी और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने दिया समर्थन
आंदोलन में कई वरिष्ठ पदाधिकारी और जिला स्तर के कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रमुख उपस्थितियों में भईया दिनेश आज़ाद, भईया संजीत बर्मन, राज कुमार जांगडे, अमृत डहरिया, रूपेश दिवाकर, सूरजभान, बसंत लहरे, कुसुम बघेल, गुलशन लहरे, सुनील सोनी, राहुल आज़ाद, जगमोहन खांडे, सम्पत कुर्रे, प्रताप जोल्हे, सूरज लहरे, अमृत खांडे, जगत लाल खंडेल और संत राम खूंटे शामिल थे। इसके अलावा गोडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला पदाधिकारी भी आंदोलन में मौजूद रहे।
बारिश में भी कम नहीं हुआ हौसला
लगातार बारिश और खराब मौसम के बावजूद कार्यकर्ताओं ने SDM कार्यालय के बाहर घंटों धरना दिया और तालाबंदी कर नारेबाजी की। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।